ओडिशा में बच्चों पर अज्ञात बीमारी का कहर, दो हफ्ते में छह की मौत
सेहतराग टीम
पहले गोरखपुर, फिर मुजफ्फरपुर और अब ओडिशा का मलकानगिरी। इन तीनों जिलों में एक समानता है। ये तीनों ही देश के नौनिहालों के लिए घातक साबित हुए हैं। गोरखपुर में पिछले कई सालों से घातक दिमागी बुखार ने, जबकि मुजफ्फरपुर में इस वर्ष एईएस बुखार ने सैकड़ों बच्चों को मौत के आगोश में डाल दिया। अब बुरी खबर मलकानगिरी से आ रही है। मलकानगिरी जिले के एक गांव में पिछले एक पखवाड़े में कम से कम छह बच्चों की मौत हो गई और सात अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बुरी खबर ये भी है कि किस बीमारी के कारण ये मौतें हुई हैं ये अभी तक पता नहीं चल पाया है। वैसे मलकानगिरी भी तीन वर्ष पहले एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) के कारण सैकड़ों बच्चों की मौत की वजह से चर्चा में रह चुका है।
जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) अजय कुमार बैठा के अनुसार मौत के कारण का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि पिछले दो हफ्ते में कालीमेला प्रखंड के तमनपल्ली गांव में छह महीने से चार वर्ष तक के बच्चों की मौत हुई।
सीडीएमओ ने कहा कि सात बच्चों का कालीमेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है और उनके रक्त के नमूने को जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा गया है।
बैठा ने कहा कि सभी बच्चों में बुखार, ठंड, कफ, चक्कर आना और उल्टी की शिकायत थी। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के एक दल को गांव में भेजा गया है और वहां स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है। डॉक्टर बैठा के अनुसार, ‘ऐसा लगता है कि ग्रामीणों की लापरवाही के कारण बच्चों की मौत हुई जो बच्चों को अस्पताल में इलाज के लिए ले जाने के बजाए नीम-हकीमों के पास ले गए।’
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